आज के रिश्ते कहाँ  इतने सच्चे है , यारो , हम सिंगल ही अच्छे है। ...लेकिन, लेकिन  दिल  कहाँ  समझता है,दिल कहता है के....

कोई होना चाहिए जो रात में तुमसे पूरी रात बात करने के जिद पर आ जाए..कोई होना चाहिए, जिसके २ मिनट की नज़रे भी कीमती हो जाए।कोई होना चाहिए , जो तुम्हारा हाथ थामे और सूनी सी सड़को पर लम्बे रास्ते का रही हो जाए..कोई होना चाहिए , जिसके मुलाक़ात का वो आखरी पल, और वो छोड़कर जाना थोड़ा मुश्किल सा हो जाए। .लेकिन दिल कहा मानता है, के आज के रिश्ते कहाँ इतने  सच्चे है...यारो , हम सिंगल ही अच्छे है।

कोई होना चाहिए, जो हलके हाथों से तुम्हारी उंगलियों को सहलाये।कुछ तुहारी सुने कुछ अपनी सुनाये।और मुलाक़ात के उन आखिरी दिनों में वो उसका जाना मुश्किल हो जाए..

कोई होना चाहिए जो , तुम्हारे घिसे - पिटे बातों पर झूठा मुसकरुआए।और तुम्हारे बाइक के एक हॉर्न पर बालकनी में आ जाए।पर ये नादाँ दिल इसे कौन समझाए , के आजकल के रिश्ते कहाँ इतने सच्चे है।इसलिए , यारो , हम सिंगल ही अच्छे है।

पर ये दिल जानता है के एक समय पर हमने भी मोहब्बत की थी... इसलिए अर्ज किया है के।

हम भी दौड़ा करते थे , स्कूल बस के पीछे , और पीछा करते थे खिड़की से झांकते उस दुपट्टे का।क्लास से जयदा बैठा करते थे उस टपरी पर जहाँ चाय मिलती थी।क्योकि दोस्तों ने कहा था के वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ यहाँ आया करती थी,और उसकी एक झलक के लिए सुबह से शाम हो जाया करती थी।

मैंने , अपने दिल की सुनी, और इजहार कर दिया,फिर मेरे इज़हार और उनके इनकार के किस्से आज भी कुरेदे जाते है।बहुत अरसा हुआ इस बात को , पर मेरे दोस्त अब भी उन्हें भाभी कह के बुलाते है। .

रात - रात भर जागे है , उनके घर के चक्कर लगाए है।सीसे में देखकर उनका चेहरा बहुत देर तक उनसे बतियाएं है ,
फिर समझ आया , के जिंदगी के कितने खूबसूरत पल हमने इस मोहब्बत के चक्कर में गवाए है, (२ - टाइम्स )पर ये बात फिर आम हो गयी ,इसलिए सोचा के ,आज के रिश्ते कहाँ  इतने सच्चे है , यारो , हम सिंगल ही अच्छे है।...